पुलिस को उपसरपंच संतराम नारंग के जरिये इस घटना का पता चला. मृतका के पिता केवल दास बारले गांव में ही किराना व कपड़ा दुकान चलाते हैं. परिवार में सभी लोग शिक्षित हैं. वसुंधरा भी पढ़ाई में काफी तेज थी. उसे हमेशा 80 फीसदी से ज्यादा अंक मिलते थे. इस बार उसे उम्मीद से कम नंबर मिले. रिजल्ट आने के बाद इसी वजह से वह दुखी रहने लगी थी. पुलिस को पता चला है कि छात्रा के चाचा शिक्षक हैं. वे बच्चों को नवोदय समेत अन्य प्रतिष्ठित परीक्षाओं के लिए विशेष रूप से तैयार करते हैं. इसी वजह से उनका नाम इलाके में काफी सम्मान से लिया जाता है. छात्रा की खुदकुशी से गांव में शोक का माहौल है
पुलिस को उपसरपंच संतराम नारंग के जरिये इस घटना का पता चला. मृतका के पिता केवल दास बारले गांव में ही किराना व कपड़ा दुकान चलाते हैं. परिवार में सभी लोग शिक्षित हैं. वसुंधरा भी पढ़ाई में काफी तेज थी. उसे हमेशा 80 फीसदी से ज्यादा अंक मिलते थे. इस बार उसे उम्मीद से कम नंबर मिले. रिजल्ट आने के बाद इसी वजह से वह दुखी रहने लगी थी. पुलिस को पता चला है कि छात्रा के चाचा शिक्षक हैं. वे बच्चों को नवोदय समेत अन्य प्रतिष्ठित परीक्षाओं के लिए विशेष रूप से तैयार करते हैं. इसी वजह से उनका नाम इलाके में काफी सम्मान से लिया जाता है. छात्रा की खुदकुशी से गांव में शोक का माहौल है